रविवार, 26 फ़रवरी 2017

आदि शिव

कल शिवरात्री थी । ये शिव से जुड़ा हुआ त्यौहार है । शिव के आगे "आदि" जुड़ा हुआ है । आदि मतलब जिसकी शुरआत कहाँ से हुई , ये पता ही ना हो ।  अंत का भी पता नहीं । ब्रह्मा जी ने ऐसा पता लगा लेने का दावा किया था जो गलत था और उन्हें पूजे ना जाने का श्राप मिला ।

आज बात शिव के नाम के आगे आदि जुड़े होने से । शिव को न केवल सबसे बड़ी शक्ति अपितु अल्टीमेट लवर और डांसर भी समझा जाता है । "नटराज"  उन्हीं का एक रूप है ।  उसी नटराज की एक बात आज याद आयी ।

दिसम्बर में इंडिया ट्रिप के दौरान भीम बेटीका , जो भोपाल के पास स्थित है , जाने का मौका मिला । जहाँ की ये फोटो है । फोटो में एक डांसर को बनाया गया है , जिसकी भंगिमा नटराज से मिलती जुलती है । आप खुद ही देख लीजिये ।

अब इस फोटो के बारे में कुछ : पहली बात ये ओरिजिनल है खुद खींची है दूसरा ये यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज का दर्ज़ा पाए भीमबेटीका की है । और इस फोटो को "फोटो ऑफ़ अर्ली मैन" की श्रेणी में रखा गया है । और इसका काल्यखंड मेसोलिथिक बताया गया है , जो करीबन १०,०० ० से ५००० बीसी तक जाता है , जो औसतन अब से साढ़े सात हज़ार साल पुराना वक़्त है । कुछ लोग इसे २०,००० से साढ़े नौ हज़ार पुराना वक़्त बताते हैं ।

मतलब इतने पुराने वक़्त में एक अल्टीमेट डांसर "नटराज" की परिकल्पना थी । और शिव के आगे भी आदि लगा  हुआ है ।

बस पता नहीं क्यों ये हमारे यहाँ किताबों में कभी पढ़ाया क्यों नहीं गया । एक विश्वविद्यालय विशेष के लोग जिन्होंने खासकर इतिहास लिखने, पढ़ने और बताने का ठेका सन ४७ से लिया हुआ है , वो पता नहीं कभी यहां गए भी हैं या नहीं । हाँ , शिवरात्री को एक मानव शरीर के अंग विशेष से जोड़कर , दर छिछोरी बातें करने में नहीं हिचकिचाते । अपनी अपनी सोच है ।

भीमबेटिका जाने के बाद ,  शिव के आदि होने का मेरा विश्वास और दृढ हो गया । आप को भी जाना चाहिए ।

भगवान् शिव सबके जीवन को मंगलमय करें !!!

तो बोलो हर हर हर !!!!